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मेरे सतरंगी सपने
शब्द साहित्य का ज्ञान जब आत्मा में प्रतिध्वनित होकर काग़ज़ पर शब्द का रूप लेता है तो, वह सर्जन काव्य कहलाता है। जब मन में विचारों के बादल घुमड़ते हैं तो, सहज ही लिखना अनिवार्य हो जाता है। यह सिर्फ़ एक काव्य संग्रह नहीं बल्कि मेरा सपना है। मेरे मन से निकली आवाज़ है, मैंने उसे अपने काव्य-रूपी माला में पिरोने का प्रयास किया है।
— रीता तिवारी ’रीत’
Author's Info

जन्म स्थान: मऊ, उत्तर प्रदेश
शिक्षा: एम.ए. (समाजशास्त्र); बी.एड.; सीटीईटी उत्तीर्ण
संप्रति: अध्यापिका, स्वतंत्र लेखिका एवं कवियत्री
लेखन: 2010 से लेखन कार्य में निरंतर प्रगतिशील, अमर उजाला, साहित्य वसुधा की "सुवासित पत्रिका" और साहित्य कुञ्ज.नेट में कविताएँ और यात्रा-संस्मरण एवं स्मृति लेख प्रकाशित
सम्मान: राजकीय हिंदी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय इंफाल में निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सम्मान प्रमाण पत्र; हिंदी शिक्षण केंद्रीय संस्थान आगरा में निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्ति पर सम्मान प्रमाण पत्र; हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के कारण साहित्य वसुधा परिवार की तरफ से प्रशस्ति पत्र से सम्मानित
रुचि: लेखन कार्य एवं अध्यापन के क्षेत्र में गहरी रुचि है
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