जसबीर कालरवी की पुस्तकें
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ख़ुमारी
"ख़ुमारी" की ग़ज़लें संपूर्ण जीवन की ग़ज़ले हैं। राजनैतिक मुद्दे, धार्मिक विडम्बनाएँ, व्यक्तित्व के प्रश्न, प्रेम, बिछोह, मिलन यानी कि मानव जीने के लिए जिन गलियों में से गुज़रता है, जसबीर की ग़ज़लें भी उन्हीं गलियों से गुज़रती हैं। "ख़ुमारी" का हरेक शे’अर उम्दा है। हर भाव में कसक है, हर प्रश्न सोचने पर मजबूर करता है, पढ़ते हुए पाठक को लगता है कि उसका सीधा संवाद लेखक से हो रहाAuthor's Info
जसबीर कालरवीजसबीर कालरवि कविता, ग़ज़ल व नावल तीनों ही विधाओं में लिखते हैं और तीनों ही भाषाओं पंजाबी, हिन्दी और उर्दू में उनकी पुस्तकें उपलब्ध हैं। उनकी पंजाबी में सात पुस्तकें, हिन्दी में चार पुस्तकें और उर्दू में एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं।