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प्रारब्ध
यह कविताएँ विचार, समय और घटनाओं के फलस्वरूप उत्पन्न हुई हैं इसलिए यह अनायास क़लमबद्ध हुईं और इन्होंने मेरे नियंत्रण से स्वयं को स्वतंत्र रखा है। इसी कारण से कविताओं का विषय क्षेत्र भी व्यापक है और वर्णन क्षेत्र भी। स्त्री और प्रेम से होते हुए यह कविताएँ समाज, प्रकृति, समाजवाद, संवेदनहीनता आदि न जाने कितनी गलियों से गुज़री हैं।
Author's Info
(एम.ए., बी.एड. पी एच.डी.)
प्रवक्ता (लेक्चरार) राजकीय इण्टर कालेज, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
प्रकाशन : आजकल, कथादेश, परिंदे, पाखी, परीकथा, कथा समवेत, सोच विचार, नागरी पत्रिका, जनपक्ष, प्रेमचंद पथ,अमर उजाला, हिंदुस्तान आदि पत्र पत्रिकाओं में कहानी, लेख, कविता,ग़ज़ल आदि प्रकाशित
पुरस्कार-
1. कथादेश लघु कथा प्रतियोगिता में तृतीय पुरस्कार
2. माँ धंवंतरी देवी कथा साहित्य सम्मान
3. चित्रगुप्त सम्मान
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