अशोक परूथी "मतवाला" की पुस्तकें
Sort By:
  • अंतर

    अनिता चुप रही। बस, सिसकने लगी और सारी बात उसकी सिसकियों ने ज़ाहिर कर दी।
     "फिर दोनों हालातों में फ़र्क ही क्या है, कितना अंतर है?" यही प्रश्न रह-रहकर अनिता को झँझोड़ रहा था। और न जाने कब तक निरुत्तर-सी, अनिता, दुनिया से बेख़बर चारपाई पर औंधी पड़ी रही। 
    - (अंतर)
    ***
    "अस्मिता बेटी देखो, हमारी बात को ज़रा ध्यान से सुनो.. लड़का तबीयत का अच्छा है, पढ़ा-लिखा है और अच्छे

Author's Info

अशोक परूथी "मतवाला" 'Ashok Pruthi "Matwala"'

जन्म : 15 जुलाई 1958 को पंजाब के क़स्बे नाभा, जिला पटियाला, में हुआ। 
लालन-पालन नानिहाल परिवार, नारायणगढ़, जिला अम्बाला, में हुआ। 
अशोक जी ने अपनी माध्यमिक और स्नातक स्तर की शिक्षा रोहतक, हरियाणा में और उच्च शिक्षा चंडीगढ़ में रह कर प्राप्त की। "द ट्रिब्यून" में अपनी नौकरी के दौरान चंडीगढ़ से ही पत्रकारिता और जन संचार में डिप्लोमा प्राप्त किये। अल्पकाल के लिये "अपरेंटिस सब-एडिटर" का कार्यभार संभाला, "द ट्रिब्यून" न्यास अदारे में पहली सफल ट्रिब्यून यूनियन की नीव रखी। वे इसके पहले प्रधान बने।
 सन 1987 आया जब अशोक जी यू.एस.ए.
अशोक जी की पहली रचना एक कहानी, लेख अथवा कविता न होकर "पठान की लड़ीकी" नामक उपन्यास था। अशोक जी उस वक़्त आठवीं कक्षा के छात्र थे। तदोपरांत,  दसवीं कक्षा से पहले दो उपन्यास और लिखे, जिनके नाम थे, "दुखिया" तथा "रन्नूमारा!"
चंडीगढ़ रहते अशोक जी की कहानियाँ और हास्य-व्यंग्य लेख आदि पंजाब केसरी और दैनिक ट्रिब्यून में नियमित रूप से छपने लगी।
पिछले कुछ वर्षों से अपनी रचनायें कैनेडा से छपने वाली हिंदी पत्रिका "साहित्य कुंज" और भारत के दैनिक समाचारपत्र  "सच का होसला" और उन्हीं की पत्रिका "अटूट बंधन" में रचनाएँ प्रकाशित करवा रहे हैं। अशोक जी की दो बच्चों की पुस्तकें Amazon.com पर "प्रिंट ऑन डीमांड" ई-बुक और ऑडियो फ़ार्मेट में उपलब्ध हैं। अशोक जी का कहानी-संग्रह अंतर भी और व्यंग्य संग्रह "काहे करो विलाप" Amazon.com पर उपलब्ध है।  
 अशोक जी पिछले २५ वर्षों से वे अमेरिका में बसे हुये हैं और वे रिचमंड, टेक्सास, के एक अस्पताल में साँस के रोगियों के "थिरेपिस्ट" बतौर काम करते हैं।

[email protected]