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पतियों का एक्सचेंज ऑफर
पति अपने को बुद्धिमान व पत्नी को कई बार कमतर समझता है। यह उसकी ग़लत-फ़हमी होती है। पत्नी पति की छोटी से छोटी चीज़ों पर नज़र रखती है जिसकी कि उसे भनक तक नहीं होती। हाँ इसके पीछे उसका उद्देश्य सकारात्मक ही होता है।
– सुदर्शन सोनी
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आरोहण
ज़मींदारी व्यवस्था समाप्त होने के बाद भी अपने विभिन्न रूपों में अभी भी अपने स्वार्थ साधने के लिए ग्रामीण और आदिवासी राजनीति पर अपनी जकड़ को ढीला नहीं करना चाहती। सुदर्शन सोनी का यह उपन्यास भ्रष्टाचार की तिकड़ी, राजनीति, पुलिस और ज़मींदारी व्यवस्थाओं की सच्चाइयों को उघाड़ता है।
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अगले जनम मोहे कुत्ता कीजो
कल्पना करें एक ऐसे लेखक की जिसे कुत्ता पालने का लगभग पच्चीस सालों का लम्बा अनुभव हो। कितनी कहानियाँ होंगी उसके पास। और यदि वह लेखक व्यंग्यकार हो तब तो कहना ही क्या! हमारे सुदर्शन जी का यही क़िस्सा है। सुदर्शन जी की व्यंग्य में एक जगह है। वे इतने सालों से कुत्ता पालते रहे हैं और इससे बचे समय में व्यंग्य भी लिखते रहे हैं। कुत्ते को इन्होंने इतने क़रीब से, इतनी तरह से
Author's Info
सुदर्शन कुमार सोनी का जन्म भारत चीन युद्ध के साल, 16 जून को जबलपुर में हुआ। कार्बनिक रसायन शास्त्र में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से स्नातकोत्तर।
मध्यप्रदेश शासन अंर्तगत प्रथम श्रेणी अधिकारी भोपाल में पदस्थ।
पूर्व प्रकाशित कृतियाँ:
कहानी संग्रहः ’नजरिया’, ’यथार्थ, ’जिजीविषा’
व्यंग्य संग्रहः ’घोटालेबाज न होने का गम’, ’मंहगाई का शुक्ल पक्ष’, ’अगले जनम मोहे कुत्ता कीजो’
उपन्यासः ’आरोहण’
व्यंग्य संग्रह ’मंहगाई का शुक्ल पक्ष’ को वर्ष 2016 व उपन्यास आरोहण को 2017 में ’अंबिका प्रसाद दिव्य प्रशस्ति पत्र’ प्रदत्त।
प्रमुख पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में रचनाओं का नियमित प्रकाशन, आकाशवाणी भोपाल से समय समय पर व्यंग्यों का प्रसारण।
साहित्यिक संगठन ’भोजपाल साहित्य संस्थान’ के कार्यकारी अध्यक्ष व अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सक्रिय जुडा़व।
रुचियाँः यात्रा, फोटोग्राफ़ी, लेखन, रीडिंग, डाॅग केयर।