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मन की पीर
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पोस्टर की पंक्तियाँ पढ़ते हुए संतो ने प्रण किया कि अगर उसे जीत हासिल हुई तो वह अवश्य ही इन सब बातों को पूरा करेगी। इसी के साथ उसे उस दिन की घटना याद हो आई जब दद्दन भइया उसके द्वार पर आये थे और उसे ख़ूब खरी-खोटी सुनाकर वापस लौटे थे। उससे उसे बड़ा दुःख हुआ और शायद नफ़रत भी। वह दद्दन की बड़ी इज़्ज़त करती थी। उन्होंने उस पर बड़े एहसान
Author's Info

जन्म तिथि: 1 जनवरी 1967
जन्म स्थान: उन्नाव
शिक्षा: पीएच.डी.
लेखन प्रवृत्ति: कविता, कहानी, समीक्षा, नाटक, बालफ़िल्म, वृत्तचित्र, रूपक, वार्ता आदि
फ़िल्म: "विद्या", "मुट्ठी भर आकाश", "मास्टर जी"
पत्रकारिता: संयुक्त संपादक, अपरिहार्य, लखनऊ, अवधी ग्रंथावली के पंचम खण्ड के संपादक मंडल की सदस्या और लेखकीय सहयोग, अनुभव की सीढ़ी (सम्पादित)
प्रकाशन: "कोखजाए", "प्रजातांत्रिक विकेन्द्रीकरण में जन सहभागिता", "रज्जो जीजी", "वसंत" अभ्यास पुस्तिका (1,2,3), "सुरभि" व्याकरण एवं रचना (6 से 8)
सम्मान/पुरस्कार: विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित।
संबद्ध: राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ.प्र. सहित अनेक संस्थाओं से सम्बद्ध।
ई-मेल: [email protected]