मुरली श्रीवास्तव की पुस्तकें
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  • क्षमा करना पार्वती

    आधुनिक समाज के मानवीय संबंधों में जीवन के अर्थ खोजती, जीवन का उत्सव मनाती और दैनिक जीवन से संघर्षरत पात्रों की कहानियाँ - जिनसे आप स्वयं को जुड़ा हुआ पाएँगे - सुमन कुमार घई संपादक - sahityakunj.net

    यह कहानियाँ मात्र कहानियाँ नहीं है, यह सुख - दुख के साथ जिया गया जीवन है। इन कहानियों में कहीं न कहीं आप ख़ुद को ढूँढ़ पाएँगे बस इतना कह सकता हूँ। मन के किसी भी कोने में

  • गुरु गूगल दोऊ खड़े

    आज के ज़माने में गुरु का हाल देख कर दिल दहल उठता है। तुलसी दास जी ने लिखा है “मातु पिता अरू गुरु की बानी/बिनहि विचार करिय शुभ जानी” पर लगता है इस चौपाई में से अब गुरु को बाहर निकालने का समय आ गया है। आज गुरु पर भरोसा करना शिष्य को भारी पड़ सकता है। गुरु गुरुता खो चुके हैं। इतना ही नहीं आज गुरु के न जाने कितने विकल्प आ गये हैं।

Author's Info

मुरली श्रीवास्तव 'Murli Srivastava'

 इलाहाबाद
अध्ययन: बी.ई. मैकेनिकल इंजीनियरिंग (जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली)
पुस्तक: सत्य जीतता है (हिन्दी अकादमी दिल्ली से प्रकाशित), घोड़ा ब्रांड क्रिकेटर व मेरे इक्यावन व्यंग्य (प्रेस में)
प्रकाशन: नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान दैनिक, अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा, नई दुनिया, मेरी सहेली, जागरण सखी सहित विभिन्न दैनिक व पत्रिकाओं में एक हज़ार से अधिक रचनाएँ प्रकाशित व निरन्तर प्रकाशन जारी है।