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जसबीर कालरवी
जसबीर कालरवि कविता, ग़ज़ल व नावल तीनों ही विधाओं में लिखते हैं और तीनों ही भाषाओं पंजाबी, हिन्दी और उर्दू में उनकी पुस्तकें उपलब्ध हैं। उनकी पंजाबी में सात पुस्तकें, हिन्दी में चार पुस्तकें और उर्दू में एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं।
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डॉ. शैलजा सक्सेना
डॉ. शैलजा सक्सेना ने दिल्ली विश्वविद्याल से पी.एचडी. की। शैलजा साहित्य की सभी विधाओं में लिखती हैं। उनकी कविताएँ दैनिक जीवन से संबंधित होती हैं जिनमें पारिवारिक संबंधों से लेकर देश समाज की बात वह बहुत ही प्रभावशाली ढंग से करती हैं। भाषा सरल व भावों गहराई लिए उनकी कविता की अपनी एक अलग पहचान है। डॉ. शैलजा सक्सेना एक सिद्धहस्त कहानीकार भी हैं। कविता की तरह उनकी पाठक से जुड़ कर उसके अंतस को टटोलती हैं। आजकल कैनेडा में निवास करती हुई भी वह विश्व हिन्दी जगत से जुड़ी हुई हैं और कैनेडा की संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड की संस्थापक निदेशिका हैं। उनकी रचनाएँ कई पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती रहती हैं। [email protected]
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सुमन कुमार घई
जन्म: १९५२, अंबाला (हरियाणा) में
बचपन खन्ना और लुधियाना (पंजाब) में बीता। गवर्नमेंट कॉलेज लुधियाना से बी.एससी. के बाद १९७३ में कैनेडा को प्रवास।
१९७५ से १९८१ तक कंप्यूटर क्षेत्र में कार्य। १९८१ से २०१० तक पारिवारिक व्यवसाय (फ़ैक्ट्री) संचालन के बाद सेवा निवृत्ति।
साहित्य में बचपन से रुचि परन्तु औपचारिक तौर पर लेखन इंटरनेट के उद्भव के बाद। हिन्दी नेस्ट.कॉम, अनुभूति-अभिव्यक्ति में रचनाओं के प्रकाशन से प्रवासी लेखक के रूप में छवि का विकास। भारत के कई संकलनों में कहानियाँ, कविताएँ, आलेख, समीक्षाएँ और साक्षात्कार प्रकाशित।
कैनेडा में हिन्दी साहित्य सभा के भूतपूर्व महासचिव, हिन्दी राइटर्स गिल्ड के संस्थापक निदेशक। लगभग चार वर्ष तक अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्यिक पत्रिका हिन्दी चेतना का सहसंपादन, कैनेडा के साप्ताहिक समाचर पत्र हिन्दी टाइम्स का चार वर्ष तक संपादन।
२००३ से साहित्य कुंज.नेट का प्रकाशन व संपादन। पुस्तक बाज़ार.कॉम के संस्थापक, प्रकाशक और संपादक।
ई-मेल: [email protected] -
नीरा
भारतीय, इतालवी, चाईनीज़ रसोई में कुशल नीरा की रेस्पीज़ आसान, स्वादिष्ट और देखने में अच्छी होती हैं। पकाने की कला को आसान बनाने में नीरा का कोई सानी नहीं है।
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डॉ. ज़ेबा रशीद
डॉ. ज़ेबा रशीद
- जन्म: 7 जनवरी, 1943, जोधपुर, राजस्थान
- विभिन्न राज्यों से 32 पुरुस्कार
- पेशे से होमियोपैथी की डॉक्टर होने के बावजूद भी लेखन से अटूट रिश्ता
- 1968 से ही रचनायें हिन्दी और राजस्थानी भाषा में देश-विदेश की 40 भिन्न-भिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित
- 1996 से कहानियों और कविताओं का दूरदर्शन पर भी निरंतर प्रसारण
- उपन्यास: लम्हें की चुभन (1996), क्योंकि औरत ने प्यार किया (2009)
- कहानी संग्रह: "चिंगारी", "खारी झील", "भीगे पल", "रिश्ते क्या कहलाते हैं" और "कंटीली राहें"
- काव्य संग्रह: "सरदार समन्द जल आपूर्ति (अनुवाद)" और "संग और मोती"
- अन्य रचनाएँ: "मारवाड़ के अद्वितीय नरेश" और "मारवाड़ी मुसलमान" (ऐतिहासिक) और "सच-झूठ बोलन में माहिर आँखें" (व्यंग्य लेख)
- राजस्थानी साहित्य: उपन्यास "नेह री नातौ", कहानी संग्रह "नांव बिहूण रिस्ता", "वाह रै मरद री जात", "मीठी बात" और कविता संग्रह "आभैरी आँख़्यां", "पैली पोथी", "बगत अर बायरौ"
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निर्मल सिद्धू
टोरोंटो क्षेत्र की साहित्यिक गतिविधियों में निर्मल सिद्धू एक जाना-पहचाना नाम है। 1999 से प्रवासी जीवन व्यतीत करते हुये इन्होंने अपना नाता साहित्य-लेखन से भी बख़ूबी जोड़ रखा है। ये कवितायें, ग़ज़लें, नज़्में, हाईकू, गीत व कहानियाँ आदि सारी विधाओं मे पूरी दक्षता से लिखते हैं। अभिनय से जो लगाव इनको कॉलेज के दिनों में हुआ था वह आज तक बरक़रार है, जिसका सबूत इन्होंने टोरोंटो में नाटक, टी.वी. सीरियल, फ़िल्म तथा वीडियोज़ में अपने अभिनय का प्रदर्शन कर कई बार दिया है।
"आग़ाज़" इनका प्रथम कहानी संग्रह है। एक कविता संग्रह "निर्मलभाव" पहले छप चुका है तथा एक और प्रकाशनाधीन है। "आग़ाज़" की कहानियाँ इनके कैनेडा के अनुभवों का निचोड़ है जिनमें मानवीय समाज के बदलते मुल्यों को सुन्दर ढंग से पेश किया गया है। अपने बारे में अक्सर कहते हैं कि
सब भले कल भूल जायें गुज़री कहानी जानकर
मैं नये क़िरदार में आ, फिर नया आग़ाज़ हूँ। -
डॉ. अशोक गौतम
डॉ. अशोक गौतम
जन्म : 24 जून, 1961 (हिमाचल प्रदेश के सोलन ज़िला की अर्की तहसील के म्याणा गाँव में)।
शिक्षा : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से साठोत्तर प्रमुख हिंदी नाटकों में अस्तित्ववादी-चेतना शोध विषय पर पीएच.डी।
प्रकाशित व्यंग्य संग्रह : लट्ठमेव जयते, गधे ने जब मुँह खोला, ये जो पायजामे में हूँ मैं, झूठ के होल सेलर।
लेखन : ब्लिट्ज, दैनिक ट्रिब्यून, दैनिक जागरण, अमर उजाला, राज एक्सप्रेस, पंजाब केसरी, दिव्य हिमाचल, सरिता, सरस सलिल, कादंबिनी, मुक्ता, वागर्थ, कथाबिंब, हिमप्रस्थ, सत्य स्वदेश, इतवारी अख़बार, नूतन सवेरा, नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान, कथाबिंब, नया ज्ञानोदय, इतवारी अख़बार, जनवाणी, हिमाचल दस्तक एवं वेब पत्रिकाओं: साहित्यकुंज, प्रवक्ता डॉट कॉम, जनकृति, सृजनगाथा, हिंद युग्म, रचनाकार, हिंदी चेतना, हस्ताक्षर आदि में रचनाएँ प्रकाशित।
संप्रति : हिमाचल प्रदेश के उच्चतर शिक्षा विभाग में एसोशिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत।
संपर्क : गौतम निवास, अप्पर सेरी रोड, नज़दीक मेन वाटर टैंक, सोलन-173212 हि.प्र.
मोबाइल. 9418070089
Email: [email protected]
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अशोक परूथी "मतवाला"
जन्म : 15 जुलाई 1958 को पंजाब के क़स्बे नाभा, जिला पटियाला, में हुआ।
लालन-पालन नानिहाल परिवार, नारायणगढ़, जिला अम्बाला, में हुआ।
अशोक जी ने अपनी माध्यमिक और स्नातक स्तर की शिक्षा रोहतक, हरियाणा में और उच्च शिक्षा चंडीगढ़ में रह कर प्राप्त की। "द ट्रिब्यून" में अपनी नौकरी के दौरान चंडीगढ़ से ही पत्रकारिता और जन संचार में डिप्लोमा प्राप्त किये। अल्पकाल के लिये "अपरेंटिस सब-एडिटर" का कार्यभार संभाला, "द ट्रिब्यून" न्यास अदारे में पहली सफल ट्रिब्यून यूनियन की नीव रखी। वे इसके पहले प्रधान बने।
सन 1987 आया जब अशोक जी यू.एस.ए.
अशोक जी की पहली रचना एक कहानी, लेख अथवा कविता न होकर "पठान की लड़ीकी" नामक उपन्यास था। अशोक जी उस वक़्त आठवीं कक्षा के छात्र थे। तदोपरांत, दसवीं कक्षा से पहले दो उपन्यास और लिखे, जिनके नाम थे, "दुखिया" तथा "रन्नूमारा!"
चंडीगढ़ रहते अशोक जी की कहानियाँ और हास्य-व्यंग्य लेख आदि पंजाब केसरी और दैनिक ट्रिब्यून में नियमित रूप से छपने लगी।
पिछले कुछ वर्षों से अपनी रचनायें कैनेडा से छपने वाली हिंदी पत्रिका "साहित्य कुंज" और भारत के दैनिक समाचारपत्र "सच का होसला" और उन्हीं की पत्रिका "अटूट बंधन" में रचनाएँ प्रकाशित करवा रहे हैं। अशोक जी की दो बच्चों की पुस्तकें Amazon.com पर "प्रिंट ऑन डीमांड" ई-बुक और ऑडियो फ़ार्मेट में उपलब्ध हैं। अशोक जी का कहानी-संग्रह अंतर भी और व्यंग्य संग्रह "काहे करो विलाप" Amazon.com पर उपलब्ध है।
अशोक जी पिछले २५ वर्षों से वे अमेरिका में बसे हुये हैं और वे रिचमंड, टेक्सास, के एक अस्पताल में साँस के रोगियों के "थिरेपिस्ट" बतौर काम करते हैं। -
डॉ. अनिल चड्डा
आपका जन्म दिल्ली में 1952 में हुआ था । कविता लिखने का शौक बचपन से ही रहा है, शायद 14-15 वर्ष की उम्र से । दिल्ली से विज्ञान में स्नातक तक की पढाई करने के बाद आपने अपनी कविता में निखार लाने के लिए हिंदी में एम.ए. किया और फिर पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की । 1972 में सरकारी नौकरी शुरू करके 2012 में निदेशक के पद से सेवानिवृत हुए । इस बीच अनेकों कविताओं की रचना की, जिन्हें इनके ब्लोगों https://anilchadah.blogspot.com, https://anubhutiyan.blogspot.in पर पढ़ा जा सकता है । इनकी रचनायें साहित्यकुञ्ज, शब्दकार एवं हिन्दयुग्म जैसी ई-पत्रिकाओं के अतिरिक्त सरिता, मुक्त, इत्यादि पत्रिकाओं में भी प्रकाशित होती रही हैं ।
[email protected] -
प्रमोद यादव
जन्म- 30-06-1952
संप्रति- रिटायर्ड फोटो-अधिकारी (जनसंपर्क विभाग), भिलाई स्टील प्लांट, भिलाई, छत्तीसगढ़ (इंडिया)
मूलतः फोटोग्राफर। फोटोग्राफी में अनेकों बार पुरस्कृत। अंचल के कई शहरों में फोटो-प्रदर्शनियों का आयोजन। भिलाई स्टील प्लांट की गृह-पत्रिका "बी.एस.पी. मैगज़ीन" में लगभग बत्तीस साल तक फोटोग्राफी।
सन 1970 से साहित्य में अभिरुचि। अनेक आंचलिक व राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में डेढ़ सौ से अधिक कहानियों, व्यंग्य लेखों व छायाचित्रों का प्रकाशन।
पता- प्रमोद यादव
गया नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)Email:[email protected]
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सुशील यादव
जन्म 30 जून 1952 दुर्ग छत्तीसगढ़
रिटायर्ड डिप्टी कमीश्नर,
कस्टम्स, सेन्ट्रल एक्साइज़ एवं सर्विस टैक्स
व्यंग्य, कविता, कहानी का स्वतंत्र लेखन। सामजिक और राजनीतिक विसंगतियों या विद्रूपताओं पर आक्षेप की परिणिति में रचनाएँ अपने ही आप आकार ले बैठी हैं। आपके मूल्यांकन लायक़, लोहा मनवाने की स्तिथियाँ बन पाई हैं अथवा नहीं? प्रथम पुस्तक के प्रकाशन का श्रेय माननीय श्री सुमन घई जी को है। जिनके आग्रह और साहित्य कुञ्ज के माध्यम ने समय-समय पर मेरी रचनाओं को पाठकों तक पहुँचाया। उनका तथा प्रकाशक “पुस्तक बाज़ार” का हृदय से आभार!
रचनाएँ स्तरीय मासिक पत्रिकाओं यथा कादंबिनी, सरिता, मुक्ता तथा समाचार पत्रों के साहित्य संस्करणों में प्रकाशित। अधिकतर रचनाएँ gadyakosh.org , रचनाकार.org , अभिव्यक्ति, उदंती, साहित्य शिल्पी एवं साहित्य कुञ्ज में नियमित रूप से प्रकाशित।
ई-मेल: [email protected] -
प्रदीप श्रीवास्तव
जन्म: लखनऊ में 1 जुलाई, 1970
प्रकाशन:- मन्नू की वह एक रात (उपन्यास) अप्रैल 2013 में प्रकाशित
- दो कहानी संग्रह, नाटक एवं पुस्तक समीक्षाओं का संग्रह शीघ्र प्रकाश्य
- कहानी एवं पुस्तक समीक्षाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित
संपादन:
- हर रोज सुबह होती है (काव्य संग्रह) एवं वर्ण व्यवस्था पुस्तक का संपादन
संप्रति:
- लखनऊ में ही लेखन, संपादन कार्य में संलग्न
ई-मेल: [email protected]
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डॉ. रश्मि शील
जन्म तिथि: 1 जनवरी 1967
जन्म स्थान: उन्नाव
शिक्षा: पीएच.डी.
लेखन प्रवृत्ति: कविता, कहानी, समीक्षा, नाटक, बालफ़िल्म, वृत्तचित्र, रूपक, वार्ता आदि
फ़िल्म: "विद्या", "मुट्ठी भर आकाश", "मास्टर जी"
पत्रकारिता: संयुक्त संपादक, अपरिहार्य, लखनऊ, अवधी ग्रंथावली के पंचम खण्ड के संपादक मंडल की सदस्या और लेखकीय सहयोग, अनुभव की सीढ़ी (सम्पादित)
प्रकाशन: "कोखजाए", "प्रजातांत्रिक विकेन्द्रीकरण में जन सहभागिता", "रज्जो जीजी", "वसंत" अभ्यास पुस्तिका (1,2,3), "सुरभि" व्याकरण एवं रचना (6 से 8)
सम्मान/पुरस्कार: विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित।
संबद्ध: राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ.प्र. सहित अनेक संस्थाओं से सम्बद्ध।
ई-मेल: [email protected] -
कृष्णा वर्मा
शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय
प्रकाशन: "अम्बर बाँचे पाती" (मेरा पहला हाइकु संग्रह) प्रकाशित।
यादों के पाखी (हाइकु संग्रह) अलसाई चाँदनी (सेदोका संग्रह) उजास साथ रखना (चोका संग्रह) आधी आबादी का आकाश (हाइकु संग्रह) पीर भरा दरिया(माहिया संग्रह) लघु कथा अनवरत एवं कविता अनवरत संकलनों में अन्य रचनाकारों के साथ मेरी रचनाएं। हिन्दी चेतना, गर्भनाल, सादर इण्डिया, नेवा: हाइकु, शोध दिशा, सरस्वती सुमन, अम्स्टेल गंगा, गवेषणा, लघुकथा.काम, हिन्दी-टाइम्स, पत्र-पत्रिकाओं एवं नेट : हिन्दी हाइकु, त्रिवेणी, सहज साहित्य, अनुभूति-अभिव्यक्ति, साहित्य कुंज नेट (वेब पत्रिका) में हाइकु, ताँका, चोका, सेदोका, माहिया, कविताएँ एवं लघुकथाओं का प्रकाशन।
पुरस्कार: विश्व हिन्दी संस्थान की अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी कविता प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त।
विशेष: हिन्दी राइटर्स गिल्ड (टोरोंटो) की सदस्या एवं परिचालन निदेशिका। डी.एल.एफ. सिटी-गुड़गाँव (भारत) एवं कैनेडा में शिक्षण।
सम्प्रति: टोरोंटो (कनाडा) में निवास। आजकल स्वतंत्र लेखन।
सम्पर्क: 62, हिलहर्सट ड्राइव, रिचमण्डहिल,ओंटेरियो, कनाडा, एल4बी 2वी3
ई-मेल: [email protected] -
सुनील कुमार वाजपेयी
जन्मतिथि: 07 अगस्त, 1964
शिक्षा: सिविल अभियन्त्रण में परास्नातक
व्यवसाय: राजकीय सेवा (सिविल इन्जीनियर)
लेखन विधा: गीत, छन्द, ग़ज़ल, कहानी, लेख, बाल साहित्य।
प्रकाशित कृतियाँ:
1. सुवर्ण सरिता
2. सुवर्ण दोहा मंजरी
3. सुवर्ण कुण्डलियाँ
4. प्रणम्य साहित्यिक विभूतियाँ
5. प्रणम्य बैसवारा
6. अन्तस की अनुभूति
गतिविधियाँ: ‘उपाध्यक्ष’, राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ.प्र. सहित अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं से सम्बद्ध।
पुरस्कार/सम्मान: राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उ.प्र. द्वारा ‘जयशंकर प्रसाद पुरस्कार’ (रु.51000.00) सहित अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत/सम्मानित।
ईमेल: [email protected]
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उत्तम टेकड़ीवाल
देश की सांस्कृतिक राजधानी कलकत्ता में पले बढ़े उत्तम टेकड़ीवाल पेशे से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। उनका जन्म 24 दिसंबर 1966 को एक मध्यवर्गीय संयुक्त परिवार में हुआ। चित्रकारी और शिल्पकला उनकी अन्य रुचियाँ हैं।
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महेश चन्द्र द्विवेदी
पूर्व पुलिस महानिदेशक
सामाजिक कार्य : ज्ञान प्रसार संस्थान, भारतीय भाषा प्रतिष्ठापन राष्ट्रीय परिषद, राइटर्स ऐंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन, वानप्रस्थ संस्थान की अध्यक्षता
प्रकाशित पुस्तकें-
उपन्यास : उर्मि, भीगे पंख, मानिला की योगिनी
कहानी संग्रह : एक बौना मानव, सत्यबोध, लव जिहाद, इमराना हाजिर हो
कविता संग्रह : सर्जना के स्वर, अनजाने आकाश में,
व्यंग्य संग्रह : क्लियर फ़ंडा, भज्जी का जूता, महेश चंद्र द्विवेदी के 51 व्यंग्य, वीरप्पन की मूंछेँ, चुनिंदा व्यंग्य
संस्मरण : प्रिय अप्रिय प्रशासकीय प्रसंग
ENGLISH : Interesting Exposures of Administration (English)
देश-विदेश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में अनवरत प्रकाशन
अन्य : देश-विदेश से 75 से अधिक सम्मान एवं पुरस्कार, स्वयं के साहित्य पर विश्वविद्यालय में शोध, विश्व हिंदी सम्मेलन, न्यू यॉर्क, अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन, मिस्र, चाइना एवं दुबई तथा ‘शतो द लाविनी’ राइटर्स रेज़ीडेंसी, स्विट्ज़रलैंड में भागीदारी
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बी.एन. गोयल
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सुर्यकांत सुतार "सुर्या"
मेरा नाम सुर्यकांत दामु सुतार है। मै मुम्बई का रहने वाला हूँ। मैं एक मराठी परिवार से हूँ। मेरी पढ़ाई मुम्बई और पुणे से हुई है। मेरी मातॄभाषा मराठी है, पर हिन्दी भाषा से मुझे विशेष लगाव रहा है और साथ ही संगीत से भी, जिसमें मुझे बचपन से ही बहुत रुचि रही है। पिछले कुछ १०+ सालों से मैं भारत के बाहर रहकर काम कर रहा हूँ। मेरे विचार में साहित्य की हर शैली का अपना एक विशेष महत्त्व है हास्य हो, व्यंग्य हो या उपन्यास। कवितायें एक वो माध्यम है जिससे आप अपने और दूसरों के अस्तित्व के होने का एक सुखद एहसास दिलाते हैं। अपने शब्दों को इस तरह से प्रस्तुत करने कि यह वो प्रणाली है जिस कि वजह से जीवन मे ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ आती हैं।
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सीमा सचदेव
सीमा सचदेव
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रौशन जसवाल विक्षिप्त
रौशन जसवाल विक्षिप्त
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मिर्ज़ा हफ़ीज़ बेग
मेरा पूरा नाम_ मिर्ज़ा हफ़ीज़ बेग, पिता का नाम स्व. मिर्ज़ा हबीब बेग, भारत के राज्य छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण शहर भिलाई का रहने वाला हूँ। मेरा जन्म और शिक्षा भी यहीं हुई। यहीं पर स्टील अथॉरिट ऑफ़ इंडिया लिम. के उपक्रम भिलाई इस्पात संयत्र में सन् 1985 से कार्यरत हूँ और अगस्त 2024 तक सेवा बाक़ी है। बचपन में नाटक के शौक़ ने लेखक बना दिया… लेकिन एक दिन हालात से समझौता करके अपने अन्दर के लेखक का क़त्ल कर दिया, अपनी प्रकाशित, अप्रकाशित रचनाओं को रद्दी मे बेच दिया; बचपन से जमा किया किताबों का संग्रह रद्दी में बेच दिया और निश्चिंत हो गया कि वह लेखक मर गया। लेकिन पच्चीस साल बाद एक घटना ने उसे जीवित कर दिया और उसने एक कहानी की रचना की "एक लेखक की मौत" … बाक़ी आपके सामने है। इसके अलावा अपने परिचय में यही कहना पसंद करूँगा कि मै स्वयं अपना परिचय अपनी रचनाओं मे ढूँढ रहा हूँ, शायद कभी पा सकूँ
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डॉ. विनोद कुमार गुप्त
एम.एस.सी., डी.फिल. डी.एस.ई
प्राध्यापक प्राणीशास्त्र, सी.एम.डी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर, (छ.ग.) भारत
वैज्ञानिक नाटक, क्षितिज पर, रूपक व 200 से अधिक वार्तायें आकाशवाणी से प्रसारित एवं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।
जीव की उत्पत्ति के विषय पर 15 शोध पत्र एवं एक पुस्तक: हाई मिनरल जीवाणु प्रकाशित।
ईमेल: [email protected] -
बृजमोहन स्वामी "बैरागी"
[जिलाअध्यक्ष- राजस्थानी भाषा संघर्ष सेना, इकाई -हनुमानगढ़]
स्थाई पता- बरवाळी नोहर , हनुमानगढ़ (राज०)
पिन- 335504शिक्षा: विज्ञान वर्ग में स्नातक (वर्धमान महावीर विश्वविद्यालय, कोटा)
विद्यालय_अध्यापक कोर्स (मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्याल, उदयपुर।
जीव विज्ञान और साहित्य में गहरी रुचि।विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
तुम और मौसम - स्वर्गविभा में प्रकाशित
मरने की एक्टिंग - रचनाकार में प्रकाशित
मौसम- प्रतिलिपि में प्रकाशित काव्यप्रमुख कार्य: राजस्थानी भाषा मान्यता कमेटी में 2009 से सतत् योगदान,
भाषा संघर्ष समिति संयोजक, 2012
संघर्ष समिति जिलाध्यक्ष, 2014 से मनोनीत
स्वामी केशवानन्द पुस्तकालय समिति
(बरवाळी,नोहर) संचालन में सतत् योगदान।"अभिव्यक्ति एक स्वतन्त्र विचार है , जो मानव के लिए निर्विरोध कह सकने वाली एकमात्र विश्वशनीय पूंजी है।"
संपर्क: [email protected]
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गोवर्धन यादव
तीन दशक पूर्व कविताऒं के माध्यम से साहित्य-जगत में प्रवेश; देश की स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का अनवरत प्रकाशन; आकाशवाणी से रचनाओं का प्रसारण; करीब पैतीस कृतियों पर समीक्षाएँ
कृतियाँ: महुआ के वृक्ष (कहानी संग्रह) सतलुज प्रकाशन पंचकुला (हरियाणा); तीस बरस घाटी (कहानी संग्रह,) वैभव प्रकाशन रायपुर (छ.ग.);अपना-अपना आसमान (कहानी संग्रह एवं एक लघुकथा संग्रह शीघ्र प्रकाश्य
सम्मान: क़रीब ३५ साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित
भ्रमण: पूरे भारत की यात्राओं के साथ थाईलैण्ड, नेपाल, मारीशस, तथा इण्डोनेशिया-मलेशिया की यात्राएँ
विशेष उपलब्धियाँ: औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के सरकारी कामकाज में हिन्दी के प्रगामी प्रयोग से संबंधित विषयों तथा गृह मंत्रालय,राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित नीति में सलाह देने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, उद्योग भवन नयी दिल्ली में “सदस्य” नामांकित; केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) नयी दिल्ली द्वारा कहानी संग्रह "महुआ के वृक्ष" तथा "तीस बरस घाटी" की खरीद की गई' कई कहानियाँ का उर्दू, मराठी, राजस्थानी, उडिया, सिंधी, भाषाओं में रूपान्तरण
संप्रति: सेवानिवृत पोस्टमास्टर (एच.एस.जी.1)
फोन नम्बर: 07162-246651 (चलित) 09424356400
ई-मेल: [email protected]
[email protected] -
अमिताभ वर्मा
.अमिताभ वर्मा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रौद्योगिक संस्थान से खनन अभियांत्रिकी में स्नातक हैं। उन्होंने निजी क्षेत्र की विभिन्न कम्पनियों में पैंतीस वर्ष कार्यरत रहने के बाद 2016 में अवकाश ग्रहण किया। वे आकाशवाणी से बतौर समाचार सम्पादक और समाचार वाचक सम्बद्ध रहे हैं। उनके तेरह-तेरह एपिसोड के दो धारावाहिक नाटक - बाल-श्रम के विरुद्व ’अब ऐसी ही सुबह होगी’ तथा कन्या-संरक्षण पर ’नन्ही परी’ - आकाशवाणी पर प्रसारित हुए। वे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के टेलिविज़न तथा रेडियो कार्यक्रमों में अभिनय तथा पटकथा लेखन द्वारा योगदान करते रहे हैं। उनकी रचनाओं का संकलन, ’कृतिसंग्रह’, बहुत सराहा गया। उन्होंने एक अंग्रेज़ी पुस्तक, ’स्टेइंग इन्सपायर्ड’, भी लिखी है।
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शुभा श्रीवास्तव "मीत"
(एम.ए., बी.एड. पी एच.डी.)
प्रवक्ता (लेक्चरार) राजकीय इण्टर कालेज, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
प्रकाशन : आजकल, कथादेश, परिंदे, पाखी, परीकथा, कथा समवेत, सोच विचार, नागरी पत्रिका, जनपक्ष, प्रेमचंद पथ,अमर उजाला, हिंदुस्तान आदि पत्र पत्रिकाओं में कहानी, लेख, कविता,ग़ज़ल आदि प्रकाशित
पुरस्कार-
1. कथादेश लघु कथा प्रतियोगिता में तृतीय पुरस्कार
2. माँ धंवंतरी देवी कथा साहित्य सम्मान
3. चित्रगुप्त सम्मान
[email protected] -
डॉ. सुरंगमा यादव
एम.ए. हिन्दी, बी.एड., पीएच.डी.
असि. प्रो. हिन्दी विभाग, महामाया राजकीय महाविद्यालय, महोना, लखनऊ
प्रकाशन एवं सम्पादन: “अर्णव” (विभिन्न विषयों के उच्च स्तरीय शोध पत्रों का संकलन) 3 अंक प्रकाशित।
लघुकथा संग्रह, “अपने सपने सबके अपने” में चयनित लघुकथाओं का प्रकाशन
प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य; आधुनिक हिन्दी काव्य संकलन; प्रयोजनमूलक हिन्दी का स्वरूप; हिन्दी भाषा का विकास एवं व्याकरण; “वंशीधर शुक्ल का काव्य” (समीक्षात्मक पुस्तक,प्रथम संस्करण 2016)
राजकीय महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका का निरन्तर दस वर्षो से सम्पादन।
विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में अनेक शोध पत्रों एवं लेखों का प्रकाशन (साहित्य भारती- उ.प्र. हिन्दी संस्थान लखनऊ, समकालीन अभिव्यक्ति, यू.एस.एम. पत्रिका,अवध ज्योति, कृतिका,शोध संचार बुलेटिन आदि पत्रिकाएँ)
सम्मान/पुरस्कार: “शिक्षा भूषण” सम्मान, राष्ट्रभाषा स्वाभिमान न्यास द्वारा 20वें अखिल भारतीय हिन्दी सम्मेलन गाजियाबाद, लघुकथाओं हेतु ‘प्रशस्ति पत्र‘ प्राप्त; “बदायूँ श्री” सम्मान से विभूषित (16 फरवरी, 2013)
ई-मेल: [email protected]
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शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय
शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय (१५ सितंबर, १८७६ - १६ जनवरी, १९३८) बांग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार थे।
उनका जन्म हुगली जिले के देवानंदपुर में हुआ। अठारह साल की अवस्था में उन्होंने "बासा" (घर) नाम से एक उपन्यास लिख डाला, पर यह रचना प्रकाशित नहीं हुई। शरत्चन्द्र ललित कला के छात्र थे लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह इस विषय की पढ़ाई नहीं कर सके। रोज़गार के तलाश में शरतचन्द्र बर्मा गए और लोक निर्माण विभाग में क्लर्क के रूप में काम किया।
शरत्चन्द्र ने अनेक उपन्यास लिखे जिनमें पंडित मोशाय, बैकुंठेर बिल, मेज दीदी, दर्पचूर्ण, श्रीकांत, अरक्षणीया, निष्कृति, मामलार फल, गृहदाह, शेष प्रश्न, दत्ता, देवदास, बाम्हन की लड़की, विप्रदास, देना पावना आदि प्रमुख हैं। बंगाल के क्रांतिकारी आंदोलन को लेकर उन्होंने "पथेर दाबी"(पथ के दावेदार) उपन्यास लिखा जिसका तीन हज़ार का संस्करण तीन महीने में समाप्त हो गया। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने इसे ज़ब्त कर लिया।
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भुवन पाण्डे
मूलतः उत्तराखंड राज्य , हल्द्वानी शहर निवासी। वर्तमान में फरीदाबाद, हरियाणा में आवास।
शिक्षा : वर्ष 1999 में मोतीलाल नेहरू रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, इलाहाबाद से बी.ई. इलेक्ट्रॉनिक्स।
वर्तमान में भारत सरकार के दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास केंद्र - सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट), दिल्ली में कार्यरत।
उत्तराखण्ड के पहाड़ों, जंगल, पेड़, सादे पहाड़ी जीवन से हमेशा ही से एक आंतरिक जुड़ाव रहा I बचपन से ही साहित्य में रुचि रही। आरंभ में स्कूली शिक्षा के दौरान शौक़िया कई कविताएँ लिखी। कॉलेज और ऑफ़िस के कई वर्षों के 'क्रियात्मक सूखे' के पश्चात फिर से कुछ लिख अपने विचारों को साझा करने का मन हुआ I पहले कभी अपनी कविताएँ प्रकाशन के लिए नहीं दीं। अपनी बिखरी कुछ पुरानी और आजकल में लिखी कविताओं को संगृहीत कर अपनी रचनाओं की ‘प्रथम पोटली’ बनाने का प्रयास किया है
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सुशी सक्सेना
.जन्म 1979 में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में हुआ और शादी के बाद से इंदौर रहने लगी।
मेरी कुछ कहानियाँ व आलेख नयी दुनिया समाचार पत्र में प्रकाशित हुए हैं साथ ही वनिता पत्रिका में मेरी कहानियाँ प्रकाशित हुईं हैं।
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से एम.एससी. (केमिस्ट्री), NTT का कोर्स और कम्प्यूटर कोर्स।
"जो भी मैंने लिखा है वो सोच समझ कर नहीं लिखा बल्कि खुद ब खुद लिख जाता है। मेरे दिल और दिमाग में हर वक्त जो अहसास चलते रहते हैं मैं तो सिर्फ़ उन्हें पन्नों पर उतार देती हूँ।"
ई-मेल: [email protected] -
नीरजा द्विवेदी
अध्यक्ष ‘ज्ञान प्रसार संस्थान’
पूर्व अध्यक्ष, उ. प्र. पुलिस कल्याण संस्थान; साहित्यकार एवं गीतकार
प्रकाशन-
कहानियाँ: दादी माँ का चौरा, पटाक्षेप, मानस की धुंध, हैं आस्मां कई और भी, शांतिधाम, आलसी गीदड़
कवितायें: गाती जीवन वीणा, गुनगुना उठे अधर
उपन्यास: कालचक्र से परे
संस्मरण: निष्ठा के शिखर बिंदु, कुछ अपनी कुछ जग बीती
साक्षात्कार: अशरीरी संसार
यात्रा वृत्तांत: स्मृति मंजूषा, स्विटज़रलैण्ड के वे 21 दिन
संकलन: रुहेलखंड के परम्परागत लोकगीत
सम्मान एवं पुरस्कार: लगभग तीन दर्जन
अन्य: एमरी यूनिवर्सिटी, जोर्जिया, अमेरिका द्वारा प्रशस्ति पत्र; एम. फिल. डिग्री हेतु छात्र द्वारा शोध कार्य (नीरजा द्विवेदी के साहित्य पर); ‘साहित्यकार द्विवेदी दम्पति’ शीर्षक साहित्यिक-मूल्यांकन ग्रंथ
यात्राएँ: शतो द लाविनी /स्विट्ज़रलैंड/ में 21 दिन की रेज़ीडेंसी
111 सर्वश्रेष्ठ हिंदी लेखिकाओं में चयनित... "द संडे इंडियन"
विश्व हिंदी सम्मेलन, न्यूयार्क- 2007
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन, दुबई. 2013, चीन, 2014, मिस्र 2016ई-मेलः [email protected]
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सुनील चौरसिया ’सावन’
काशी में अध्ययन अध्यापन
कार्यक्षेत्र- अध्यापन, लेखन, गायन एवं मंचीय काव्यपाठ।
सामाजिक क्षेत्र- "नर सेवा नारायण सेवा" की दृष्टि से यथा सामर्थ्य समाज सेवा।
विधा - कविता ,कहानी,लघुकथा, गीत, संस्मरण, डायरी,निबन्ध आदि।
अन्य उपलब्धियाँ:-
स्वर्ण पदक एवं २ रजत पदक विजेता। "राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन, छपरा" एवं "विश्व भोजपुरी सम्मेलन, वाराणसी" के बैनर तले मॉरीशस, इंग्लैंड, दुबई, ओमान, फीजी, आस्ट्रेलिया आदि सोलह देशों के साहित्यकारों एवं सम्माननीय विदूषियों-विद्वानों के साथ काव्यपाठ एवं विचार विमर्श।
उप सम्पादक एवं वाराणसी प्रतिनिधि:- भोजपुरी संगम (मासिक पत्रिका)ईमेल- [email protected]
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धर्म जैन
धर्मपाल महेंद्र जैन
टोरंटो, कनाडा
जन्म : 1952, रानापुर, जिला – झाबुआ, भारत
शिक्षा : भौतिकी; हिन्दी एवं अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर
प्रकाशन : तीन सौ से अधिक कविताएँ व हास्य-व्यंग्य प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। “सर क्यों दाँत फाड़ रहा है?” व्यंग्य संकलन प्रकाशित।
यूट्यूब : youtube.com/user/djainM/
ब्लॉग : https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/yathashabd/
ईमेल : [email protected]
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नलिनी श्रीवास्तवा "मनमीत"
जन्म- स्थान - वाराणसी
शिक्षा - एम.ए. (अर्थशास्त्र), बी.एड.
लगभग 1987 से कविताएँ , कहानियों पर लेखनी चल रही। जो समय- समय पर विभिन्न समाचार- पत्रों में प्रकाशित और आकाशवाणी वाराणसी से प्रसारित हुई हैं।
सम्प्रति - वर्तमान में श्री लाल बहादुर शास्त्री विद्याल़य, गोरखपुर में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत हूँ।
[email protected] -
समीक्षा तैलंग
जन्म: ग्वालियर (म.प्र.)
शिक्षा: बी.एस.सी. जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
संप्रति: पूर्व पत्रकार, ग्वालियर की प्रथम महिला पत्रकार से सम्मानित, स्वतंत्र लेखिका, वर्तमान में आबु धाबी (यू.ए.ई.) से
लेखन क्षेत्र: व्यंग्य, कविता, फीचर, साक्षात्कार, निबंध, लेख, कहानी, संस्मरण
प्रकाशन अखबारों में: नई दुनिया, दैनिक भास्कर, जनसंदेश टाईम्स, हरिभूमि, विजय दर्पण टाईम्स
पत्रिकाओं में: अट्टहास, निकट, गर्भनाल, साहित्य कुंज, प्रयास, ओजस्विनी, विश्व हिन्दी साहित्य (मॉरीशस), प्रवासी संसार, रचनाकार
ब्लॉग: #अनुकृति #शब्दोंकासफर, www.samikshablogs.net
ई-मेल: [email protected] -
मुरली श्रीवास्तव
इलाहाबाद
अध्ययन: बी.ई. मैकेनिकल इंजीनियरिंग (जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली)
पुस्तक: सत्य जीतता है (हिन्दी अकादमी दिल्ली से प्रकाशित), घोड़ा ब्रांड क्रिकेटर व मेरे इक्यावन व्यंग्य (प्रेस में)
प्रकाशन: नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान दैनिक, अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा, नई दुनिया, मेरी सहेली, जागरण सखी सहित विभिन्न दैनिक व पत्रिकाओं में एक हज़ार से अधिक रचनाएँ प्रकाशित व निरन्तर प्रकाशन जारी है। -
कुन्दन कुमार
शिक्षा - बी.सी.ए.
कार्य - ज़िला एवं सत्र न्यायधीश, नौगांव, असम के कार्यालय एवं न्यायालय में कंप्यूटर सहायक के पद पर
असरगंज, मुंगेर (बिहार)
ई-मेल: [email protected] -
डॉ. निशा शर्मा
जन्म : रोहतक (हरियाणा)
शिक्षा : एम. ए. (हिन्दी) स्वर्णपदक, एम.फिल., पी-एच.डी.
अध्ययनाध्याय : कविता, साहित्यशास्त्र, अनुवाद आदि
प्रकाशन :
पुस्तकें :
• साठोत्तर हिन्दी काव्य मेँ पौराणिक पुनराख्यान
• पदमावत का काव्य शिल्प
• परमानन्ददास की सौन्दर्य चेतना
• गद्य वाटिका (सम्पादित)
• साहित्य : स्वरूप एवम् विधाएँ
• अनेक राष्ट्रस्तरीय पत्र-पत्रिकाओँ मेँ लेख, शोधपत्र, पुस्तक- समीक्षाएँ प्रकाशित
अन्य गतिविधियाँ : साहित्य-लेखन के अतिरिक्त आकाशवाणी रोहतक एवम् पाण्डिचेरी पर साक्षात्कार, वार्ता- परिचर्चा, कविता-पाठ प्रसारण तथा संगोष्ठी-आयोजन आदि
संप्रति : अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, भारतीदासन गवर्नमैण्ट कालेज फार विमैन, पाण्डिचेरी
सम्पर्क : [email protected] -
गणेश विनकरे
परिचय
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दीपक ’दानिश’
इलाहाबाद, उ.प्र., भारत
कहानियों व समीक्षाओं पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशन
हिन्दी व उर्दू की, विशेषकर ग़ज़लों, नज़्मों, क्षणिकाओं और हाइकु आदि का भारत के प्रमुख हिन्दी व उर्दू पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरन्तर प्रकाशन
आकाशवाणी, ई.टी.वी-उर्दू तथा अखिल-भारतीय व आंचलिक मंचों से हिन्दी तथा उर्दू काव्य-पाठ
सांस्कृतिक-कार्यक्रमों के लिए गीतों की रचना व नाट्य-लेखन
[email protected] -
सुदर्शन सोनी
सुदर्शन कुमार सोनी का जन्म भारत चीन युद्ध के साल, 16 जून को जबलपुर में हुआ। कार्बनिक रसायन शास्त्र में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से स्नातकोत्तर।
मध्यप्रदेश शासन अंर्तगत प्रथम श्रेणी अधिकारी भोपाल में पदस्थ।
पूर्व प्रकाशित कृतियाँ:
कहानी संग्रहः ’नजरिया’, ’यथार्थ, ’जिजीविषा’
व्यंग्य संग्रहः ’घोटालेबाज न होने का गम’, ’मंहगाई का शुक्ल पक्ष’, ’अगले जनम मोहे कुत्ता कीजो’
उपन्यासः ’आरोहण’
व्यंग्य संग्रह ’मंहगाई का शुक्ल पक्ष’ को वर्ष 2016 व उपन्यास आरोहण को 2017 में ’अंबिका प्रसाद दिव्य प्रशस्ति पत्र’ प्रदत्त।
प्रमुख पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में रचनाओं का नियमित प्रकाशन, आकाशवाणी भोपाल से समय समय पर व्यंग्यों का प्रसारण।
साहित्यिक संगठन ’भोजपाल साहित्य संस्थान’ के कार्यकारी अध्यक्ष व अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सक्रिय जुडा़व।
रुचियाँः यात्रा, फोटोग्राफ़ी, लेखन, रीडिंग, डाॅग केयर।
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ओमप्रकाश क्षत्रिय
रतनगढ़, ज़िलाः नीमच मप्र
योग्यताः बीए 3-बार, एमए 5-विषय में
आजीविकाः शिक्षक
लेखनः बालकहानी, लेख, कविता, लघुकथा आदि
प्रकाशित पुस्तकेंः रोचक विज्ञान बाल-कहानियाँ, चुनिंदा लघुकथाएँ, कुँए को बुखार, बालकथा मंथन, लेखकोपयोगीसूत्र और 100 पत्र-पत्रिकाएँ, सहित मराठी में चार पुस्तकों का अनुवाद प्रकाशित
उपलब्धिः लघुकथा के क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ट कार्य के लिए जयविजय सम्मान 2015, बालाशोरी रेडी बाल-साहित्य सम्मान 2017, स्वतंत्रता सेनानी ओंकारलाल शास्त्री सम्मान 2017, इंद्रदेवसिंह इंद्र बालसाहित्य सम्मान-2017, विकास खंड स्तरीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय 2017, भारत-नेपाल साहित्य सेतु सम्मान-2018 सहित विभिन्न सम्मान प्राप्त
[email protected] -
दिनेश चन्द्र पुरोहित
जोधपुर (राजस्थान)
सेवानिवृत शिक्षा-विभाग राज्यकर्मचारी.
प्रकाशित पुस्तकेंः
मारवाड़ी भाषा की पुस्तकेंः नाटक - “कठै जावै रै, कढ़ी खायोड़ा”, “गाड़ी रा मुसाफ़िर” कहानियाँः मारवाड़ री कहानियां
उपरोक्त पुस्तकें हिंदी में अनूदितः कहां जा रिया है, कढ़ी खायोड़ा; गाड़ी के मुसाफिर; याद तुम्हारी हो
हिंदी पुस्तकेंः डोलर-हिंडा (संस्मरणात्मक); मारवाड़ की लघु कहानियां (कहानी संग्रह); भोला विनायक (नाटक)
उर्दू पुस्तकेंः दबिस्तान-ए-सियासत (नाटक); बिल्ली के गले में घंटी (कहानी संग्रह) इन पुस्तकों की लिपि देवनागरी है।
प्रकाशाधीन पुस्तकेंः ओ, राम-राम (नाटक); गुरु कृपा (कहानी संग्रह); ज़ख्म-ए-दिल (उर्दू कहानी संग्रह)
ई मेलः [email protected] -
डॉ. मो. इसरार
जन्म स्थान : सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी, संस्कृत) पी-एच. डी.
सम्प्रति : अध्यापक, अज़ीम प्रेमजी स्कूल, दिनेशपुर
लेखन : कहानी लेखन में लगभग पन्द्रह वर्ष पहले रुचि उत्पन्न हुई थी जो आज तक बरक़रार है। विभिन्न पत्र-पत्रिका में अनेक कहानियाँ प्रकाशित हैं। जिन उन पर पाठकों की अच्छी-बुरी प्रतिक्रियाएँ भी ख़ूब मिलीं हैं।
शिक्षा विमर्श से सम्बन्धित अनेक आलेख भी लिखे हैं। जिनमें से कुछ प्रकाशित भी हुए हैं।
संपादन : स्कूल और कॉलेज से निकलने वाली कई पत्रिकाओं का संपादन भी किया है।
[email protected]/
[email protected]
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रीता तिवारी ’रीत’
जन्म स्थान: मऊ, उत्तर प्रदेश
शिक्षा: एम.ए. (समाजशास्त्र); बी.एड.; सीटीईटी उत्तीर्ण
संप्रति: अध्यापिका, स्वतंत्र लेखिका एवं कवियत्री
लेखन: 2010 से लेखन कार्य में निरंतर प्रगतिशील, अमर उजाला, साहित्य वसुधा की "सुवासित पत्रिका" और साहित्य कुञ्ज.नेट में कविताएँ और यात्रा-संस्मरण एवं स्मृति लेख प्रकाशित
सम्मान: राजकीय हिंदी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय इंफाल में निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सम्मान प्रमाण पत्र; हिंदी शिक्षण केंद्रीय संस्थान आगरा में निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्ति पर सम्मान प्रमाण पत्र; हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के कारण साहित्य वसुधा परिवार की तरफ से प्रशस्ति पत्र से सम्मानित
रुचि: लेखन कार्य एवं अध्यापन के क्षेत्र में गहरी रुचि है
[email protected] -
भगवान अटलानी
प्रकाशन: 8 उपन्यास, 11 कहानी संग्रह, 4 नाटक, 4 एकांकी संग्रह, 3 निबन्ध संग्रह, नवसाक्षरों के लिए एक कहानी पुस्तिका, दो शोध आलेखों के संग्रह और एक प्रतिनिधि रचनाओं का संकलन।
300 से अधिक कार्यक्रम आकाशवाणी/दूरदर्शन से प्रसारित।
अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
राजस्थान सिन्धी अकादमी की साधारण सभा के नौ वर्ष और कार्यकारिणी के तीन वर्ष सदस्य। राजस्थान सिंधी अकादमी के अध्यक्ष (1997-2000)। केन्द्रीय साहित्य अकादमी के सिन्धी सलाहकार बोर्ड के सदस्य (2003-2017)। राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, नई दिल्ली के सदस्य (2014-2017)
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कैनेडा साहित्य संकलन
कैनेडा के हिन्दी भाषा के लेखकों द्वारा गद्य और पद्य साहित्य
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विद्या धर
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पूनम चन्द्रा ’मनु’
ऑरेंजविल, (ओंटारियो) कैनेडा
जन्म : देहरादून, उत्तराखंड, भारत
शिक्षा : एम.ए. (अँग्रेज़ी साहित्य) गढ़वाल
साहित्यिक रुचि : ग़ज़लों, नज़्मों, गीतों से बेहद लगाव रहा है। पसंदीदा शायर गुलज़ार साहब और पसंदीदा उपन्यासकार अमृता प्रीतम जी हैं।
अमृता जी के उपन्यास "नागमणि" ने लिखने की ख़्वाहिश पैदा की, लिखने में रोशनाई ग़ज़ल, नज़्म, उपन्यास पर लफ़्ज़ जड़ती है।लेखन-विधाएँ: गद्य एवं पद्य - कविता, शायरी, कहानी, उपन्यास
प्रकाशित पुस्तकें:
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'जज़्बात' (कविता शायरी) संग्रह
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2012, वादों की परछाइयाँ (उपन्यास) 2017
संप्रति : अपने ही IT Business से जुड़ी हैं
सदस्य : हिन्दी राइटर्स गिल्डसोशल मीडिया / वेबपेज/ संपर्क:
फ़ेसबुक - जज़्बात
वेबसाइट: जज़्बात
यूट्यूब: जज़्बात -
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जगमोहन हूमर
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आशा बर्मन
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अखिल भंडारी
जन्म : जालंधर
निवास : १९८३ से कैनेडा में
संप्रति : आलेख, कहानी, ग़ज़ल और कविता लेखन
सदस्य : हिन्दी राइटर्स गिल्ड
संपादक : ग़ज़ल संपादन (साहित्य कुंज.नेट) -
राजनन्दन सिंह
फरीदाबाद हरियाणा भारत
जन्म: 1970 परशुरामपुर (कोरियाही) ज़िला- सीतामढी बिहार ननिहाल में
पैतृक गाँव: बसन्त जगजीवन ज़िला शिवहर बिहार।
प्राथमिक शिक्षा सीतामढी ज़िले के राजा परसौनी एवं मोतीहारी ज़िले के बारा चकिया में। तत्पशचात दिल्ली में निवास तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक।
लेखन एवं सामाजिक कार्यों में बचपन से रुचि। पत्र-पत्रिकाओं तथा वेव पत्रिकाओं में हिन्दी एवं भोजपुरी की रचनाएँ प्रकाशित। कनाडा की प्रतिष्ठित ऑनलाइन पत्रिका साहित्यकुञ्ज में लगभग सात दर्जन से अधिक कविताएँ प्रकाशित। नारी शक्ति को समर्पित साझा संग्रह “अजस्त्र स्त्रोत तुम” तथा प्रेम पर आधारित साझा संग्रह "रैन ड्रॅाप ऑन हार्ट" में कुछ कविताएँ प्रकाशित। प्रगतिशील विचारों एवं चिंतन पर आधारित सरल अमिधा में कविताओं की रचना जारी।
संप्रति: निजी क्षेत्र में कार्यरत।E mail- [email protected]
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डॉ. दीप्ति गुप्ता
पुणे, महाराष्ट्र
आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए.(हिन्दी) एम.ए.(संस्कृत) पी.एच-डी (हिन्दी)।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय,बरेली, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली एवं पुणे विश्वविद्यालय, पुणे, में अध्यापन-रत रही।
वर्ष 1989 में ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’, नई दिल्ली में ‘शिक्षा सलाहकार’ पद पर तीन वर्ष के डेप्युटेशन पर राष्ट्रपति द्वारा, नियुक्ति (1989 -1992)!
हिन्दी और अग्रेजी में कहानी, काव्य, समीक्षा, अनुवाद, आलेख आदि विधाओं की 25 कृतियाँ!
इन कृतियों पर विभिन्न संस्थानों द्वारा सम्मानित।
अंग्रजी काव्य-संग्रह का जर्मन, फ्रेंच, रूसी, किर्गीज, चाइनीज,स्पेनिश, इटेलियन आदि भाषाओं में अनुवाद और पुस्तक रूप में विदेशी प्रेस द्वारा प्रकाशन। -
डॉ. प्रतिभा सक्सेना
जन्म : सन् 1938 में मध्यपदेश, भारत में
शिक्षा : एम.ए, पी एच.डी.
लेखन व प्रकाशन : प्रारंभ से ही काव्यलेखन में रुचि, कवितायें, लघु-उपन्यास, लेख, वार्ता एवं रेडियो तथा रंगमंच के लिये नाटक रूपक, गीति-नाट्य आदि रचनाओं का साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन (विशाल भारत ,वीणा, ज्ञानोदय, कादंबिनी, धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, अमेरिका से प्रकाशित, विश्व विवेक, हिन्दी जगत् आदि में।)
अंतर्जाल स्थित ’गद्यकोश’ और ’कविताकोश’ में रचनाएँ संकलित
पुस्तकें:- सीमा के बंधन - कहानी संग्रह
- घर मेरा है - लघु-उपन्यास संग्रह
- उत्तर कथा - खण्ड-काव्य
- फ़ैसला सुरक्षित है- (कुछ हास्य -कुछ व्यंग्य)
सम्प्रति : आचार्य नरेन्द्रदेव स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कानपुर में शिक्षण. सन् 1998 में रिटायर होकर, अधिकतर यू.एस.ए. में निवास
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शशि पाधा
वर्षों से साहित्य सृजन में संलग्न शशि पाधा के आठ संग्रह प्रकाशित हुए हैं। वह साहित्य की लगभग सभी विधाओं में लिखती हैं। अपने लेखन के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित शशि की रचनाएँ विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं सी बी एस सी के पाठ्यपुस्तकों में सम्मिलित हैं। इनकी रचनाएँ अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं एवं विभिन्न साझा संकलनों में प्रकाशित हुई हैं। इन्होने देश और विदेश के शिक्षा संस्थानों में हिन्दी भाषा का अध्यापन कार्य किया है। सैनिकों की शौर्य गाथाओं को पाठकों तक पहुँचाना इनके लेखन का मुख्य उद्देश्य है।
ईमेल: [email protected]