अंतर

अशोक परूथी "मतवाला"

अनिता चुप रही। बस, सिसकने लगी और सारी बात उसकी सिसकियों ने ज़ाहिर कर दी।
 "फिर दोनों हालातों में फ़र्क ही क्या है, कितना अंतर है?" यही प्रश्न रह-रहकर अनिता को झँझोड़ रहा था। और न जाने कब तक निरुत्तर-सी, अनिता, दुनिया से बेख़बर चारपाई पर औंधी पड़ी रही। 
- (अंतर)
***
"अस्मिता बेटी देखो, हमारी बात को ज़रा ध्यान से सुनो.. लड़का तबीयत का अच्छा है, पढ़ा-लिखा है और अच्छे

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