मेरे सतरंगी सपने
शब्द साहित्य का ज्ञान जब आत्मा में प्रतिध्वनित होकर काग़ज़ पर शब्द का रूप लेता है तो, वह सर्जन काव्य कहलाता है। जब मन में विचारों के बादल घुमड़ते हैं तो, सहज ही लिखना अनिवार्य हो जाता है। यह सिर्फ़ एक काव्य संग्रह नहीं बल्कि मेरा सपना है। मेरे मन से निकली आवाज़ है, मैंने उसे अपने काव्य-रूपी माला में पिरोने का प्रयास किया है। — रीता तिवारी ’रीत’