मेरी कहानियाँ खंड एक
प्रदीप श्रीवास्तव एक विशेष श्रेणी के कहानीकार हैं। उनके सृजन का कैनवस बहुत विस्तृत है। समाज की विसंगतियों से लेकर भ्रष्ट राजनीति तक; समाज की विकृतियों से लेकर समाज सेवा में अपने प्राण निछावर कर देने की भावना उनकी कहानियों में झलकती है। इस कथा संचयन की कुछ कहानियाँ कोरोना काल की भी हैं। इनमें मानवीय संवेदना की पराकाष्ठा भी देखने को मिलेगी तो दूसरी तरफ़ प्रशासन की अव्यवस्था पर भी करारी चोट करती हुई